वो सिलसिले कुछ यू चले कुछ कह दिए कुछ कहकहे कुछ को जमीर खा गया कुछ स्वाभिमान से भरे इक दसा ऐसी भी थी इक व्यथा ऐसी भी थी हारकर खुद ही से में खुद ही से में लड़ रहा खुद ही से में डर रहा ©Shrivas #डर