पास नही फिर भी अद्भुत अहसास है चलती है सांसे उनको सोच कर उनको सोच कर जिंदगी संवरती है, क्यूं खास है यह तो हमें नही पता लेकिन वही वज़ह है जो इस चेहरे पर बनी मुस्कान है फर्श से अर्श तक मुझे वही उठाये जा रहे लेकर वादे देकर कसमें मुझे जीना सिखाये जा रहे है, असमर्थ हूँ ना जाने क्या जान जमाने ने कह दिया था करके विश्वास अब मुझे वो समर्थ बनाये जा रहे है, कुछ रिश्ते है जो खास है खून का संबंध नही ना नाता दिल का है फिर ऐसा लगता है वही हमारी जान है..!! ❤ प्रतियोगिता- 404 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"कुछ रिश़्ते हैं जो ख़ास हैं"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I