एक ऐसी सखी जिन्हें मैं जानती नहीं, परन्तु इनकी छवि को स्वयं में उतारना चाहती हूं.... कृष्ण भक्ति में लीन, कृष्ण भक्ति में तल्लीन। रोम रोम में बसते है कृष्ण, ऐसी हमारी है सखी मानवी।। Dedicating a #testimonial to Manavi Awasthi