बस एक डर से मैंने कुछ कहा नहीं हिकायत में क़िरदार मिरा वो रहा नहीं ख़्वाहिशें मिरी भी रही सभी के जैसे पंछी मुंडेर पे आकर कभी बैठा नहीं उस से मिला तो वक़्त का पता न चला ये औऱ बात है तिरे बाद कोई मिला नहीं हो चुका हूँ मैं ख़ुद से बे-ख़बर इस कदर ख़्वाहिशें बुझ चुकी है औऱ मुझें पता नहीं ये इश्क़ भी अजब चीज़ है "कुमार" मुझे लगा उसको भी है मग़र हुआ नहीं — кυмαя✍️ ©The Unstoppable thoughts #Mountains #nojotowriters #nojotohindi #nojotourdu #NojotoFilms #nojotopeople #nojotopoetry