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हे मेरे पुत्र ,मेरी बातों को माना कर,और मेरी आज्ञा

हे मेरे पुत्र ,मेरी बातों को माना कर,और मेरी आज्ञाओ को अपने मन में रख छोड़। मेरी शिक्षा को अपनी आँख की पुतली जान;उनको अपनी उँगलियों में बाँध, और अपने ह्रदय की पटिया पर लिख ले। बुद्धि से कह, "तु मेरी बहन है," और समझ को अपनी साथिन बना।

©Satish Sharma
  #पिताकीशिक्षाBible