आओ एक महफि़ल सजाएं अपनो के साथ । कुछ पुराने पन्ने खोलें , कुछ किस्से दोहराएं । चाय की प्याली पकडे़ वही पुराने गीत गुनगुनाएं ! आओ एक महफि़ल सजाएं जिसमें शामिल होकर रफ्तार जिंदगी की मालूम न हो , और हम वही पुराने लम्हों की गलियों मे दौड़ लगाए ।।।। # महफि़ल