उगा था सूरज कई दशकों के अंधेरे के बाद फिर से अंधेरा छा गया बडी मेहनत के बाद हालत बत्तर से ठीक हुए थे हालत फिर से बत्तर पे आ गया भरी थी उड़ाने कितनो के सपनों ने सब जमीन पे गिर के चूर हो गए जिन्होंने देखे थे आजादी के सपने अब घर मे रहने को मजबूर हो गए ए रव मेरे दुआ मै तुम से यही करुंगा जिनके सपने चूर हुए उन सब को जोड़ दो झूठे आजादी की जो जंजीरे बांधी गई उन सब को तोड़ दो।। ©Navneet Rai reshare this post and pray for Afghanistan #prayforafghanistan #navneetrai #SAD #poem #share #Pr #na #he #Afghanistan #Nojoto