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#FourLinePoetry पियु गयो परदेश,म्हारो महल सूनो थयो

#FourLinePoetry पियु गयो परदेश,म्हारो महल सूनो थयो री 
सखी,मोरी पीली चुनर प्रीत की तड़प से रंगहीन भयी 
प्रतीक्षा में पिरोई वो नजर इश्क के आँगन में दफ़न हुई
जो बची थी वो इमारत काल के प्रवाह में खंडहर हुई.

©Manisha keshav ##पियु गयो परदेश ##four line poetry##

#fourlinepoetry
#FourLinePoetry पियु गयो परदेश,म्हारो महल सूनो थयो री 
सखी,मोरी पीली चुनर प्रीत की तड़प से रंगहीन भयी 
प्रतीक्षा में पिरोई वो नजर इश्क के आँगन में दफ़न हुई
जो बची थी वो इमारत काल के प्रवाह में खंडहर हुई.

©Manisha keshav ##पियु गयो परदेश ##four line poetry##

#fourlinepoetry

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