"ख्वाहिशों के बाज़ार में" (कविता अनुशीर्षक में पढ़े) 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 निकली एक रोज़ मैं ख्वाहिशों के बाज़ार में , एक शीशा दिखा खूबसूरत सा, मचल के पूछा मैंने क्या है इसकी ख़ासियत ! दुकानदार ने बोला ,