कुछ अधूरे ख़्वाब, कुछ धुँधली यादें, कुछ अनकही बात, हर बार उजड़ कर, मुस्कुरा रहा 'बाग', हर बार बुझ कर भी, जल रहा यूँ 'खंडहर का चिराग' ज़रा-ज़रा सी रौशनी है, ज़रा-ज़रा सी ज़िन्दगी है। #ज़रासीरौशनी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi