मुसाफिर हो तुम तो सफर भी करते रहो नबी से मुहब्बत हैं तो नमाज़ भी पढते रहो उनका करम होगा तुम पर यकीन कर कुछ पल उनकी याद में नात गुनगुनाते रहो कहने को मेरा दिल बेचैन हर पल रहता हैं जब कोई दरूद पढे तो उसे सीने से लगाते रहो दिल मुतमईन होने लगता हैं मेरा उस पल आरिफ नबी की चाहत में खुदा को सज्दें करते रहो । #NojotoQuote मुसाफिर हो तुम तो सफर भी करते रहो नबी से मुहब्बत हैं तो नमाज़ भी पढते रहो उनका करम होगा तुम पर यकीन कर कुछ पल उनकी याद में नात गुनगुनाते रहो कहने को मेरा दिल बेचैन हर पल रहता हैं जब कोई दरूद पढे तो उसे सीने से लगाते रहो