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याद है मुझे, हाँ याद है मुझे रिफ़त का मेरी किताबें

याद है मुझे,
हाँ याद है मुझे रिफ़त का मेरी किताबें छुपाना,
पूछ लेने पर ना कहकर चुपके से मुस्कुराना,
याद है मुझे सुषमा का मूझे पापा कहकर बुलाना,
और अंशिका का हमें देखकर खिलखिलाना,
अनुराग का, हर बात पर टीचर्स को गुस्से में जवाब देना,
फिर "Shriyam" के इतना चुप रहने पर भी सवाल उठाना,
उपेंद्र का हर बात में "technicality" समझाना,
और कौसल के खड़े होते ही पूरे क्लास का हँसना हँसाना,
याद है मुझे अपने स्कूल के दिनों का वो जमाना,
नवनीत का सबको आसमान में चढ़ाना और हर बार गुस्सा दिलाना,
और रिषि के "इमेजिनरी बातों" पर चिढ़ के जाना,
और राहुल के हँसने पर पूरे क्लास का ही हिल जाना,
याद है मुझे दोस्तों को उस वक़्त दुश्मन कह के बुलाना,
पूरा दिन क्लास में उस दिन ख़ामोशी छायी होती थी,
जिस दिन आयुष और मयंक का ना होता था आना,
उनके सरारतों से तो पूरा स्कूल जैसे परिचित ही था,
टीचर्स को भी खलने लगा था बाद में उनका ना आना,
और विवेक सर का स्वेता को हर बात पर उठा के सवाल लगवाना,
याद है मुझे " शुभम पाल" को दीदी कहकर बुलाना,
क्लास में बाकी लोग भी थे और उनकी बातें भी,
मगर पन्ने कम पड़ जाएंगे, लेकिन उनकी बातें नही,
इस तरह से हमनें जिया है अपने स्कूल का वो जमाना..!!
- Vishakha Tripathi #wallpaper #memo #freiendsforever #vishakhatripathi
याद है मुझे,
हाँ याद है मुझे रिफ़त का मेरी किताबें छुपाना,
पूछ लेने पर ना कहकर चुपके से मुस्कुराना,
याद है मुझे सुषमा का मूझे पापा कहकर बुलाना,
और अंशिका का हमें देखकर खिलखिलाना,
अनुराग का, हर बात पर टीचर्स को गुस्से में जवाब देना,
फिर "Shriyam" के इतना चुप रहने पर भी सवाल उठाना,
उपेंद्र का हर बात में "technicality" समझाना,
और कौसल के खड़े होते ही पूरे क्लास का हँसना हँसाना,
याद है मुझे अपने स्कूल के दिनों का वो जमाना,
नवनीत का सबको आसमान में चढ़ाना और हर बार गुस्सा दिलाना,
और रिषि के "इमेजिनरी बातों" पर चिढ़ के जाना,
और राहुल के हँसने पर पूरे क्लास का ही हिल जाना,
याद है मुझे दोस्तों को उस वक़्त दुश्मन कह के बुलाना,
पूरा दिन क्लास में उस दिन ख़ामोशी छायी होती थी,
जिस दिन आयुष और मयंक का ना होता था आना,
उनके सरारतों से तो पूरा स्कूल जैसे परिचित ही था,
टीचर्स को भी खलने लगा था बाद में उनका ना आना,
और विवेक सर का स्वेता को हर बात पर उठा के सवाल लगवाना,
याद है मुझे " शुभम पाल" को दीदी कहकर बुलाना,
क्लास में बाकी लोग भी थे और उनकी बातें भी,
मगर पन्ने कम पड़ जाएंगे, लेकिन उनकी बातें नही,
इस तरह से हमनें जिया है अपने स्कूल का वो जमाना..!!
- Vishakha Tripathi #wallpaper #memo #freiendsforever #vishakhatripathi