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जान, परिंदे झूमेंगे तुम्हारे झरोखों पर, मैं मुहल्

जान, परिंदे झूमेंगे तुम्हारे झरोखों पर, 
मैं मुहल्ले में बहारें मोड़ लाया हूं ,
लगेगी अब शब़ की रौनक तुम्हारे कमरे में ,
मैं आसमां से सितारे तोड़ लाया हूं
सदानन्द कुमार  #Light #Quotes #poem #propose #Love #Shayari #शायरी
जान, परिंदे झूमेंगे तुम्हारे झरोखों पर, 
मैं मुहल्ले में बहारें मोड़ लाया हूं ,
लगेगी अब शब़ की रौनक तुम्हारे कमरे में ,
मैं आसमां से सितारे तोड़ लाया हूं
सदानन्द कुमार  #Light #Quotes #poem #propose #Love #Shayari #शायरी