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इंसान सिर्फ एक हद तक बर्दाश्त करने की ताकत रखता है

इंसान सिर्फ एक हद तक बर्दाश्त करने की ताकत रखता है.....और तकलीफ जब हद से बाहर हो जाय तो उसका हर उसूल शीशे की तरह टूट-टूटकर गिरने लगताहै।
#है_ना
rjankeshbittu4216

RJ Ankesh

New Creator

इंसान सिर्फ एक हद तक बर्दाश्त करने की ताकत रखता है.....और तकलीफ जब हद से बाहर हो जाय तो उसका हर उसूल शीशे की तरह टूट-टूटकर गिरने लगताहै। #है_ना

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