सभी गृहणियों को सादर समर्पित ! पिता ने बंदिशें लगायीं, उसे संस्कारों का नाम दे दिया.! सास ने कहा अपनी इच्छाओं को मार दो, उसे परम्पराओं का नाम दे दिया.! ससुर ने घर को कैदखाना बना दिया, उसे अनुशासन का नाम दे दिया.! पति ने थोप दीं अपनी इच्छायें अपने सपने, उसे वफा का नाम दे दिया.! बच्चो ने करी अपने मन की, और उसे नयी सोच का नाम दे दिया.! ठगी सी खड़ी में जिन्दगी की राहों पर, और मैंने उसे किस्मत का नाम दे दिया.! जिन्दगी तो मेरी थी एक पल जीने को तरस गयी.! फिर भी इन चलती सांसों को हमने जिन्दगी का नाम दे दिया.! ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD सभी गृहणियों को सादर समर्पित ! पिता ने बंदिशें लगायीं, उसे संस्कारों का नाम दे दिया.! सास ने कहा अपनी इच्छाओं को मार दो, उसे परम्पराओं का नाम दे दिया.! ससुर ने घर को कैदखाना बना दिया, उसे अनुशासन का नाम दे दिया.! पति ने थोप दीं अपनी इच्छायें अपने सपने, उसे वफा का नाम दे दिया.! बच्चो ने करी अपने मन की, और उसे नयी सोच का नाम दे दिया.! ठगी सी खड़ी में जिन्दगी की राहों पर, और मैंने उसे किस्मत का नाम दे दिया.!