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नहीं कविता लिखूँ कोई, नहीं गाना सुनाऊँ मैं। हु

नहीं  कविता  लिखूँ कोई, नहीं गाना  सुनाऊँ मैं।

हुआ है हाल  अब कैसा,सभी से क्या बताऊँ मैं।

अकेला दिल हुआ मेरा,नहीं भाता इसे कुछ भी-

तुम्हारे बिन  भला इसको, कहो कैसे  मनाऊँ मैं।
 #मुक्तक #अकेला_दिल #विश्वासी
नहीं  कविता  लिखूँ कोई, नहीं गाना  सुनाऊँ मैं।

हुआ है हाल  अब कैसा,सभी से क्या बताऊँ मैं।

अकेला दिल हुआ मेरा,नहीं भाता इसे कुछ भी-

तुम्हारे बिन  भला इसको, कहो कैसे  मनाऊँ मैं।
 #मुक्तक #अकेला_दिल #विश्वासी