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...श्री गणेशाय नमः... "अभी कुछ बाकी है" एक पंडित ज

...श्री गणेशाय नमः...
"अभी कुछ बाकी है"
एक पंडित जी थे, जो प्रतिदिन गंगा स्नान करने जाते थे , रास्ते में
एक मानव खोपड़ी जो जमीन में आधा गड़ी थी और आधा दिख
रही थी। आने जानें वाले लोग उस खोपड़ी पर पैर रखकर आते
जाते थे। पंडित जी सोचने लगे कि इस मरे हुए व्यक्ति का अब क्या
बाकी है जो लोगों के पैरों तले कुचला जा रहा है। पंडित जी उस
खोपड़ी को खोद कर बाहर निकाले और अपने घर ले जाकर एक
कोने में रख दिए और बोले ज्योतिष से इसका पता लगाएंगे कि
आखिर बात क्या है। कुछ दिन बाद पंडित जी कहीं चले गए दो
चार दिन के लिए, इधर पंडिताइन ने जब खोपड़ी देखा तो जोर
से चिल्लाई भूत भूत, पड़ोसी इकठ्ठे हो गए और सब लोगों ने उसे
ओखली में डालकर पांच पांच मूसल सबने कूटा कि दोष सबके
ऊपर बंट जायेगा और इस संकट से छुटकारा मिल जायेगा, फिर
कूटकर उस खोपड़ी को दूर ले जाकर फेक दिए। जब पंडित जी
आए तो उन्हें सब बात का पता चला तो दंग रह गए। दोस्तों गलत
कर्म का फल जीते मरते भोगना ही पड़ता है, यह ब्रम्ह सत्य है।
जय श्री राम।

©R K Mishra " सूर्य "
  #बाकी_है  Richa Mishra Sethi Ji भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Kanchan Pathak shashi kala mahto