यूँ तो वो हर रोज़ राकेश से ढेरो बाते किया करती थी। हर छोटी- छोटी बात पर टोकना आदत थी उसकी । ये तुमने कैसे किया, ये क्यूँ हुआ , हर छोटी- छोटी बातों पर राकेश को खूब तंग किया करती थी। राकेश भी बातों बातों में इंदु की खूब खिंचाई करता था दोनो अगर एक दूसरे को नही देखते थे तो बेचैन हो जाते थे।दोनो को एक दूसरे की आदत हो गई थी । पर आज सुबह अचानक उसने कहा कि उसकी शादी तय हो गई है और उसे वापिस देहरादून जाना है । ये सुनकर राकेश हक्का- बक्का रह गया, उसे अभी भी अपने कानों पर विशवास नही हो रहा था। जैसे किसी ने उसके दिल पर हथौड़ा चला दिया हो। राकेश ने कभी ख़्वाब में भी नही सोचा उससे अलग होने का मन ही मन इंदु को चाहने लगा था ।राकेश का अपना कोई परिवार नही था मा -बाप का साया तो बरसो पहले ही उसके सर से उठ गया था ।वो इंदु के परिवार को ही अपने परिवार की तरह मानता था।इंदु के साथ कई बार उसके घर देहरादून उसके साथ गया था।इस क़दर ख्यालों में गुम हो गया था राकेश ।कुछ देर इंदु उसे ऐसे ही देखती रही पर फिर उसने उसे झँझकोरते हुए कहा कि कहां खो गए जल्दी से अपना सामान पैक कर लो तुम्हे भी अभी मेरे साथ चलना है देहरादून। अनमने मन से उसने अपना बैग पैक किया।उसका मन तो बहुत बोझिल था पर राकेश इंदु के साथ देहरादून आ गया ।घर मे जश्न का माहौल था पर उसका मन दूल्हे को देखने को बेचैन था ।मगर ये प्रश्न पूछता भी तो किससे ।अगले दिन शाम को उसके कमरे में नए कपड़े जूते लाकर इंदु की ममेरी बहन ने रख दिए इसे पहन कर आप जल्दी से बाहर मंडप के आ जाइये । कुछ सोचते हुए उसने वो कपड़े पहन लिए और मंडप के स्थान पर आ गया ।सभी उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे ।तभी इंदु दुल्हन के लिबास में उसके बिल्कुल पास आकर खड़ी हो गई ।अब राकेश को ये माजरा समझते देर नही लगी थी।इतना बड़ा सरप्राइज देखकर उसकी आँखें खुशी से छलक उठी ।दोनो ने एक दूसरे के गले में जयमाला पहनाई। चारो और तालियों की गूंज हो रही थी और वो दोनों पर्णयसूत्र में बंधकर हमेशा हमेशा के लिए एक दुसरे के हो गए थे ©Dr Manju Juneja #HerQuestions #अचानक #वापिस#शादी#विश्वास #हक्काबक्का#लघुकथा#ख़्वाब#story #nojotoenglish