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इन पेड़ों की छाँव मे पनप रहे थे कुछ रिशते ,उन सर्द

इन पेड़ों की छाँव मे पनप रहे थे कुछ रिशते ,उन सर्द हवाओं की तरह आहिस्ते-आहिस्ते दिल के करीब और न जाने वो कब दिल को छू गए l

वो पल कुछ यूँ हसी हो गऐ की आज याद करते हें तो उन पलों को दोबारा जी लेने की चाह होने लगती हैl

पर जिंदगी के वो पल जीना अब मुमकिन नही लेकिन वो पल कुछ खास थे ,इतने खास जो शायद हमेशा दिल के करीब रहेंगे  जिन्हे खुद से जुदा कर पाना न मुमकिन सा हैl #memorable moments
इन पेड़ों की छाँव मे पनप रहे थे कुछ रिशते ,उन सर्द हवाओं की तरह आहिस्ते-आहिस्ते दिल के करीब और न जाने वो कब दिल को छू गए l

वो पल कुछ यूँ हसी हो गऐ की आज याद करते हें तो उन पलों को दोबारा जी लेने की चाह होने लगती हैl

पर जिंदगी के वो पल जीना अब मुमकिन नही लेकिन वो पल कुछ खास थे ,इतने खास जो शायद हमेशा दिल के करीब रहेंगे  जिन्हे खुद से जुदा कर पाना न मुमकिन सा हैl #memorable moments