The story is, मृत्यु द्वार तक पहुचने पर भी यदि कोई व्यक्ति अपनी गहन चैतन्यता को धारण किये हुए जगत की निस्सारता के पूर्ण बोध को उपलब्ध हो जाए और फिर वो व्यक्ति गुरु/ इश्वरीय कृपा पाकर उस द्वार से पुनः लौट आये तो उसके 'द्विज' हो जाने की संभावना प्रबल हो जाती है इसमें संशय नही ... मनु