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दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं; जनाब महफ़िल में

दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं;
जनाब महफ़िल में आते ही नहीं हैं;
हम सजाते हैं महफ़िल हर शाम;
एक वो हैं जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं हैं! shayri dil se...

#shayri 
#SilentWaves
दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं;
जनाब महफ़िल में आते ही नहीं हैं;
हम सजाते हैं महफ़िल हर शाम;
एक वो हैं जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं हैं! shayri dil se...

#shayri 
#SilentWaves