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जब से जोड़ा तेरे संग साँसों से साँसों का बंधन, महक

जब से जोड़ा तेरे संग साँसों से साँसों का बंधन,
महकने लगा मेरा जीवन जैसे महकता है चंदन।

तूने अपनी साँसों से मेरी साँसो को जो छू लिया,
मेरा जीवन तेरे प्यार में तप कर हो गया कुंदन।

अपने प्यार से सींचते रहते हो ये चाहत की जमीं,
हर पल जीते हो मुझमें करते हो दिए सा रोशन।

दुनियाँ के लिए दो जिस्म है,पर एक जान है हम,
जीवन भर निभाएंगे बाँधा जो तेरे संग गठबंधन।


 ➡ प्रतियोगिता संख्या - 07

➡ शीर्षक - तेरे संग 

➡ सुन्दर शब्दों से आठ पंक्तियों मे रचना लिखें

➡ समय सीमा- आज रात 12 बजे तक।
जब से जोड़ा तेरे संग साँसों से साँसों का बंधन,
महकने लगा मेरा जीवन जैसे महकता है चंदन।

तूने अपनी साँसों से मेरी साँसो को जो छू लिया,
मेरा जीवन तेरे प्यार में तप कर हो गया कुंदन।

अपने प्यार से सींचते रहते हो ये चाहत की जमीं,
हर पल जीते हो मुझमें करते हो दिए सा रोशन।

दुनियाँ के लिए दो जिस्म है,पर एक जान है हम,
जीवन भर निभाएंगे बाँधा जो तेरे संग गठबंधन।


 ➡ प्रतियोगिता संख्या - 07

➡ शीर्षक - तेरे संग 

➡ सुन्दर शब्दों से आठ पंक्तियों मे रचना लिखें

➡ समय सीमा- आज रात 12 बजे तक।