सबेरा जाग मुसाफिर हो गया सबेरा, कर ले पूरा शीघ्र काम अधूरा। राहें कब से तेरी वाट जो रही, मंजिल पर तुम्हे पहुंचाने को। सूरज उजियारा लेकर आया, तुम को सदमार्ग दिखाने को। राहों में बिछ रहे फूल कलिया, तुम्हारा अभिवादन करने को। पक्षी भी कलरव कर झूम रहे, तुम्हारा अभिनन्दन करने को। जाग मुसाफिर हो गया सबेरा, निकल राहों पे छोड़ दे बसेरा। JP lodhi #सबेरा