यदि इंसान के अंदर अपने लक्ष्य के प्रति जिद, जुनून और पागलपन हो तो इंसान संसार के किसी भी लक्ष्य को पा सकता है और असंभव को संभव भी बना सकता है इस बात का प्रामाणिक उदाहरण भारत के विहार राज्य के दसरथ मांझी हैं उन्हें द माउंटेन मेन के नाम से भी जाना जाता है । दसरथ मांझी के गांव में 360 फुट लंबा , 30 फुट चौड़ा और 40 फुट ऊंचा एक विशाल पहाड़ था ,ये पहाड़ गांव में आने जाने वाले रास्ते के बीच में बहुत बड़ी बाधा थी एक दिन दसरथ मांझी की पत्नी पहाड़ से गिरकर बहुत घायल हो गईं थी लंबे पहाड़ के कारण दसरथ मांझी को अपनी पत्नी को हॉस्पिटल ले जाने समय लग गया लेकिन तब तक उनकी पत्नी सही समय पर ट्रीटमेंट ना मिलने के कारण दम तोड चुकीं थीं पहाड़ के कारण दसरथ मांझी अपनी पत्नी को खो चुके थे दसरथ मांझी को पहाड़ के ऊपर बहुत क्रोध आया उसी दिन उन्होंने ठान लिया की चाहे कुछ भी ही जाए लेकिन में इस पहाड़ को काटकर रास्ता बनाकर ही रहूंगा । पूरे 20 साल लग गए दसरथ मांझी को पहाड़ काटकर रास्ता बनाने में केवल एक हथौड़े और एक छेनी के द्वारा दसरथ मांझी ने 360फुट लंबे ,30फुट चौड़े और 40 फुट ऊंचे पहाड़ को बीच में से काटकर एक रास्ता बना दिया जब वोह ये काम कर रहे थे तब आस पास के सभी लोगों ने दसरथ मांझी को पागल, बेबकूफ और ना जाने क्या क्या कहा लेकिन लोगों के फालतू के व्यंगों के ऊपर मांझी ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और अपने असंभव से काम को अपनी जिद,जुनून और पागलपन के दम पर पूरा करके पूरी दुनिया को ये बता दिया की इंसान यदि ठान ले तो पूरे संसार में असंभव नाम की कोई भी चीज नहीं होती है । ©"pradyuman awasthi" #करने वालों के लिए