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अरे सुनो,कहाँ हो तुम,तुम्हारी तलाश हूँ मैं तुम तो

अरे सुनो,कहाँ हो तुम,तुम्हारी तलाश हूँ मैं
तुम तो चली गयीं,मग़र तुम्हारी यादों की,ज़िंदा लाश हूँ मैं
तुम्हारी बातों ने इस पगले पर,ये कैसा असर किया है
ज़रा सम्भाल तो लो इस मजनू को,कैसे घुट-घुट कर जिया है
ख़ैर छोड़ो,अग़र परवाह होती,तो यूँ छोड़कर न जाती
मज़बूरी में हाथ छोड़ा होता,तो यार लौट कर तो आती
मुझे याद आता है फ़साना तेरा,प्यार से मुझे सताना तेरा
उस बेरुख़ी सी ज़िन्दगी में,बेपाक़ मोहब्बत जताना तेरा
ज़रा देख झाँक कर अतीत में,तेरी परछाई बनकर मैं घूमा था
नन्हीं सी तेरी उन खुशियों को,पलकों से मैंने चूमा था
बेख़बर था मैं ना समझा,सपनों से तेरे अनजान था
शुक्रिया जो बतला दिया,मैं पगला नादान था!
...........
ख़ुशियों को तेरी मैं ना समझा,खुशियाँ तेरी किसी औऱ में थी
पता लगा मुझे के तेरी शादी है,सगाई तेरी बड़े जोर में थी
चुपके से तू कह जा मुझ से,अब कैसी ज़िन्दगी जीती है
रौंद कर तू वफ़ा को मेरी,अब तो सोमरस पीती है
औऱ यूँ ना सोच,के कुछ कर बैठेगा,जीना मुझको भी आता है
अरे तेरे जैसी हज़ारों क़ुर्बान,माँ-बापू से पहला नाता है
छोड़ दे यूँ इज़हार करना,तेरे बस की बात नहीं
जब तेरी याद में रोया करता,आज वो काली रात नहीं
सिला दिया कुछ ऐसा तूने,तेरे झूठे प्यार का
बेब्वफ़ाई मुक़्क़द्दर बनकर,अब नाम करेगी तेरे यार का

©नरेश कुमार #बेब्वफ़ाई

#cloud
अरे सुनो,कहाँ हो तुम,तुम्हारी तलाश हूँ मैं
तुम तो चली गयीं,मग़र तुम्हारी यादों की,ज़िंदा लाश हूँ मैं
तुम्हारी बातों ने इस पगले पर,ये कैसा असर किया है
ज़रा सम्भाल तो लो इस मजनू को,कैसे घुट-घुट कर जिया है
ख़ैर छोड़ो,अग़र परवाह होती,तो यूँ छोड़कर न जाती
मज़बूरी में हाथ छोड़ा होता,तो यार लौट कर तो आती
मुझे याद आता है फ़साना तेरा,प्यार से मुझे सताना तेरा
उस बेरुख़ी सी ज़िन्दगी में,बेपाक़ मोहब्बत जताना तेरा
ज़रा देख झाँक कर अतीत में,तेरी परछाई बनकर मैं घूमा था
नन्हीं सी तेरी उन खुशियों को,पलकों से मैंने चूमा था
बेख़बर था मैं ना समझा,सपनों से तेरे अनजान था
शुक्रिया जो बतला दिया,मैं पगला नादान था!
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ख़ुशियों को तेरी मैं ना समझा,खुशियाँ तेरी किसी औऱ में थी
पता लगा मुझे के तेरी शादी है,सगाई तेरी बड़े जोर में थी
चुपके से तू कह जा मुझ से,अब कैसी ज़िन्दगी जीती है
रौंद कर तू वफ़ा को मेरी,अब तो सोमरस पीती है
औऱ यूँ ना सोच,के कुछ कर बैठेगा,जीना मुझको भी आता है
अरे तेरे जैसी हज़ारों क़ुर्बान,माँ-बापू से पहला नाता है
छोड़ दे यूँ इज़हार करना,तेरे बस की बात नहीं
जब तेरी याद में रोया करता,आज वो काली रात नहीं
सिला दिया कुछ ऐसा तूने,तेरे झूठे प्यार का
बेब्वफ़ाई मुक़्क़द्दर बनकर,अब नाम करेगी तेरे यार का

©नरेश कुमार #बेब्वफ़ाई

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