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नजर अक्सर शिकायत आज-कल करती है दर्पण से .... थकन भ

नजर अक्सर शिकायत आज-कल करती है दर्पण से ....
थकन भी चुटकीयाँ लेने लगी है तन से और मन              से........
कहाँ तक हम सम्भाले उम्र का हर रोज गिरता घर.....
तुम अपनी याद का मलबा उठाओ दिल के आंगन से.....

#Dil_se #DilSe
नजर अक्सर शिकायत आज-कल करती है दर्पण से ....
थकन भी चुटकीयाँ लेने लगी है तन से और मन              से........
कहाँ तक हम सम्भाले उम्र का हर रोज गिरता घर.....
तुम अपनी याद का मलबा उठाओ दिल के आंगन से.....

#Dil_se #DilSe