लफ्जो से गर कर दू बयां तो क्या इश्क़ है सबकी तरह बदल दू इश्क ओ ईमान तो क्या ईश्क है भूल जाऊ तुझे तेरी वफाओं को ऐ दिले नादान तो क्या इश्क़ है मुश्किलों से मिले मज़ा तो उसमे है आसानी से मिले वो कहा इश्क़ है भूले ना भुलाई जा सके दिलों में गढ़ा गया खूबसूरत निशान इश्क़ है जिसे मरने के बाद भी सारा जहान याद रखे वो अमिट दास्तान इश्क है #इश्क#love#prem#bhaav