चला जा रहा हूँ, न मंज़िल है कोई, गिरा है लहू बारहा, रस्ते चलते। जाने कब सुकून मिलेगा। ~ इकराश़ #शेर_ए_इकराश़ #इकराश़नामा #YqBaba #YqDidi