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कितना तड़पा हूं तुम्हारी याद मे ये मेरा खुदा जनता

कितना तड़पा हूं तुम्हारी याद मे ये मेरा खुदा जनता है (२)
ज़माना तो इस कदर ज़ालिम है कि तड़पने तक का सबूत मांगता है saboot
कितना तड़पा हूं तुम्हारी याद मे ये मेरा खुदा जनता है (२)
ज़माना तो इस कदर ज़ालिम है कि तड़पने तक का सबूत मांगता है saboot