नारीवाद एक लड़की में प्राकृतिक रूप से नहीं होता, बल्कि पैदा कर दिया जाता है, और हां मैं उन लड़कियों, की भी बात नहीं कर रही जो इस शब्द का गलत उपयोग करती हैं, बल्कि बात उनकी है जो चुप है, ये जानते हुए भी की वो बोल सकती है, बहुत वक़्त, अपनी आधी जिंदगी को गवां देती है, अपने हक़, अपने अस्तित को समझने में, एक झूठी अपरिभाषित "दहलीज़" इस शब्द में उसकी आवाज़ दब जाती है, वो सहने लगती है हर बात, और समाज़ के हिसाब में ढ़लते ढ़लते अपना जीवन बिता देती है, नारीवाद होना ग़लत नहीं होता, बस ये बात उन लड़कियों को समझनी होती है, जो लंबे समय से चुप है, सह रही है हर घाव, बिना मरहम के जी रही है एक लम्बे वक़्त से..!! ©Vishakha Tripathi #Feminism #Narivad #vishakhatripathi #LookingDeep