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पल्लव की डायरी वेशर्मी की हद हो गयी हालत अपनी पतली

पल्लव की डायरी
वेशर्मी की हद हो गयी
हालत अपनी पतली ही गयी
नेटवर्क नही मिलने से
पेड़ो पर चढ़ाई हो गयी
मेरी पटी पटाई महबूबा
आज मुझ से जुदा हो गयी
इन नेटवर्क कम्पनियों की वजह से
प्यार में जग हँसाई हो गयी
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  नेटवर्क नही मिलने से,पेड़ो पर चढ़ाई हो ग़यी
#nojotohindi

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