पता नहीं, कैसे लोग हैं जिनको घर का खाना खाने में तकलीफ होती है और वो भी ऎसे नाजुक समय में, जब जिंदगी ने फुर्सत ही फुर्सत दे रखी है! मन आए, जब बनाए, मन चाहे जो बनाए, मन चाहे जितना बनाए! क्या पुरुष, क्या महिलाएँ सब फ्री है, मन चाहे पकवान, घर पर ही स्वच्छता पूर्वक व स्वस्थ तरीके से पकाएँ व परिजन को खिलाएं! इतना प्रमाद तो कतई ठीक नहीं कि जान पर बन आए! ये अति बुद्धिमान व अमीर लोग कोरोना फैलाने के नए - नए तरीके ला रहे हैं! ईश्वर, इनको सद्बुद्धि दे!! #घर पर बनाएँ और खाएँ #16. 04.20