ये ज़िंदगी के अफसाने,, मुझे लगे है अब बहुत सताने, अब छूट रही उम्मीद की डोर,, बढ़ने लगी हूं मैं, ना उम्मीदी की ओर,,, पर एक शक्ति जिसका हाथ मेरे सर पर है,,, जो खींच के ले जाता है मुझे जीवन रूपी उजियाले की ओर,, ©Nishi #Light #भोलेनाथकीकृपा