जगदम्ब सुनो बस तेरी आश हमें | त्रस्त हैं जननी हम, है ना आभाष तुम्हें ? जग ने हमको ठोकर मारा माँ........... सबने हमको दुत्कारा माँ................. छोड़ना ना बस अब तु हाथ मेरे.......... रह तु बस अब साथ मेरे................. बेबस, कमजोर, अकेला हूँ............ पता तो है यह भी राज तुम्हें....... जगदम्ब सुनो बस तेरी आश हमें . त्रस्त हैं जननी हम, है ना आभाष तुम्हें। देखो हम आएं हैं तेरे दर पर माँ | करो ना माँ तुम अब निराश हमें || रंजेश सिंह #DurgaMaa #RanjeshSingh #Ranjesh