bejauban-A little tributes to pulwama soldiers dated-15/02/2020 माँ---माँ वो भी बहुत रोयी होगी, बाप वो भी बहुत बिखला होगा, जब उसका नोनिहाल सरहद पर जान गँवा रहा होगा रहा होगा । उस माँ ने भी सीने से लगाया होगा, नौ महीने पेट में उसे सम्भाला होगा, छोटे छोटे खिलौनो से उसका बचपन संवारा होगा, उस माँ पर क्या गुजर रही होगी,जब उसका बेटा पुल्वामा में गोली खा रहा होगा । वो मन्जर भी क्या मन्जर रहा होगा, जब पुल्वामा में वो अपनी जिन्दगी मौत की जंग लड़ रहा होगा, दर्द हमे होता हे तो दर्द उसे भी हुआ होगा, गाँव में उसका भी कोई इन्तजार कर रहा होगा , हम तो गुलाबों के रंगों में थे मशगूल जब वो खुन के लाल रंगो से खेल रहा होगा । बचपन हमारा हे तो बचपन उसका भी रहा होगा, हमने ज्यादा तो कुछ सपने उसने भी सजाये होंगे, आर्मी ड्रेस के अलावा जीन्स शर्ट वो भी पहननता होगा, चेहरे पर क्रीम ओर बालो को वो भी संवरता होगा, हम बुल्लेट तो स्प्लेन्डर वो भी चलाता होगा, यारो वो भी क्या खौफनाक मन्जर रहा होगा ,जब वो हमारे लिये लड़ रहा होगा । ए खुदा मेने सुना है पुरे जहाँ को तू चलाता हे, फिर आतंकियो को कौनसी गीता कौनसा कुरान तू पड़ाता हे, जिन्दगी मौत देने का हक तो तूझे ही हे, फिर वो कोनसा अपना हक जता रहा है, ओर एक बेटे को उसकी माँ के आँचल से दूर कर रहा हे----माँ के आँचल से दूर कर रहा है । आसिफ @अख्तर #Bejuabn- a little tributes to pulvama soldiers from my side asif@akhter