बचपन की वो तमना, जो हो ना पाए पूरी। रह गई आधी और अधूरी।। जिम्मेदारियों ने डाला डेरा, ना कर पाए ख्वाहिशें पूरी। कभी सोचा सिंगर बने,कभी एक्टर बनने की स्टोरी। क्या हुआ न बने,अभी भी है समय की मंजूरी। तकनीक के इस दौर में,कर ख्वाहिशें अपनी पूरी। जो करना चाहे कर,जरा सी हुई है देरी। दिन है अभी बाकी,कर तमन्ना अपनी पूरी।। बचपन की वो तमन्ना जो हो ना पाई पूरी।।##आधी और अधूरी।