साँझ कहूँ या कहूँ सवेरा, हो दोनों में ओझल ही तुम। मध्यम लाली सी बाहें फैलाये, हो दूर गगन में फिरते तुम। अंतर दिशाओं की छोड़ दो तो, हो साँझ भी तुम, हो सवेरा तुम। तुम्हीं बता दो है कहाँ बसेरा, नादिया के पार, या क्षितिज पर तुम। साँझ कहूँ या कहूँ सवेरा, हो दोनों में ओझल ही तुम।। #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #nojotoofficial #hindikavita #kavyashala #sanjh #savera