प्रेम में सफलता-असफलता का कोई विधान ही नहीं हैं। प्रेम शब्द ही परम है। परम तप परम धर्म परम समर्पण और परम शान्ति।। और जहां सबकुछ परम हो, वहाँ क्या सफल होना और क्या असफल होना।❣ सुकुमार....✒ prm