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राज़ ......... लगाते नहीं अब मरहम लोग, जख्मों पर


राज़  ......... 
लगाते नहीं अब मरहम लोग,
जख्मों पर नमक हैं भरते ! 
इसीलिये हर किसी से ए"हरि", 
राज़ ज़ाहिर नहीं करते l
एक तरफा मुहब्बत है ,
ज्यों बिन मांझी के कश्ती !
भंवर बीच मे गोते खाकर , 
तेरी डूब जाएगी हस्ती l
कवि हरिश्चन्द्र राय "हरि "
मुम्बई (महाराष्ट्र)

©कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"
  MY LOVELY DEAR FRIENDS ..... GOOD NIGHT AND SWEET DREAMS.

MY LOVELY DEAR FRIENDS ..... GOOD NIGHT AND SWEET DREAMS. #कविता

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