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जन्मदिन के शुभ अवसर पर भेंट स्वरूप 108 पंक्तियों क

जन्मदिन के शुभ अवसर पर
भेंट स्वरूप
108 पंक्तियों की
यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila"

प्रखर जगती के हित अवकाश में,
तिमिर अज के निमित आकाश में ।
पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में,
उदय रश्मि सवित निशि नाश में ।।

अदिति हो तुम प्रथम भाति हो क्षिति के नय की,
जन्मदिन के शुभ अवसर पर
भेंट स्वरूप
108 पंक्तियों की
यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila"

प्रखर जगती के हित अवकाश में,
तिमिर अज के निमित आकाश में ।
पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में,
उदय रश्मि सवित निशि नाश में ।।

अदिति हो तुम प्रथम भाति हो क्षिति के नय की,