अरे क्या कसुर है इन आँखों का क्या कसुर है इन आँखों का दिल लग्गी तो इस दिल ने की थी ना दिल दुखाने या भी तो इसी दिल ने ना फिर ये सजा इन आँखों को क्यों मिल रही है इन्द्र राजपूत ✍ #दिल_लग्गी_ #इन्द्र_राजपूत