#poeticlife#thaught#Savewater#dontwaste#itslife
व्यर्थ ना करो तुम इसे, खेल नहीं ये तो जिंदगानी है।
जो मानव शरीर मिला है सबको उसका सबसे बड़ा स्रोत पानी है।।
कभी हमने भी पढा था कि धरा पर जल की मात्रा तीन चौथाई है,
क्या जल बर्बाद करने की सबने बीड़ा उठाई है?
तड़प रहे पशू पंछी जरा सा पानी पीने को,
सम्भल भी जाओ अब मत करो छलनी धरती के सीने को।
डाल के गन्दगियाँ हम नदियों में क्यों सोचें कि सोसाइटी साफ है,