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उम्दा, बेहतरीन, कहने को बहुत कुछ है मगर शब्द नहीं

उम्दा, बेहतरीन,
कहने को बहुत कुछ है मगर
शब्द नहीं मिलते,
बेहतर को बेहतर बताने वाले
भाव नहीं मिलते,
भावना तो बहुत प्रबल है मगर
क्या कहूं शब्द नहीं मिलते……
कभी इस बात पर हंसे,
कभी उस बात पर रुठे,
कभी मौन बोला,
कभी बोल कर भी
मौन पसरा रहा
यूंही संबंधों का
सिलसिला चलता रहा….

©Beena Kumari
  #umda#feelings#beenagirdhan