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जय श्री राम।। कलयुग काल अमोघ है इससे बचा ना कोई,

जय श्री राम।। 
कलयुग काल अमोघ है इससे बचा ना कोई,
रिश्ते सब जल गये, मानव बचा ना कोय,
मारुती इक देव हैं राम भक्त हनुमान।
एक संजीवनी शक्ति है बालाजी का नाम,
राम भजन के प्यासे हैं मेरे बालाजी महाराज।।
रिश्वत कोई चले नहीं बाबा के दरबार 
राम भजन की घूस ही लें बालाजी महाराज, 
राम नाम के भजन से कट जाऐगी पीर, 
जितना नाम जपोगे तुम दर्शन देंगे महावीर। 
एक बार की बात है चित्रकूट का घाट था,
रघुनन्दन के भक्त एक तुलसी जिनका नाम था, 
प्रभु मिलन की प्यास थी मन में भारी आस थी, 
राम कथा कहते निश दिन वो सुनते थे महावीर, 
एक रोज महावीर ने दे दर्शन किया कृतार्थ 
तुलसीदास जी धन्य हुए पा महावीर का साथ, 
बोले तुलसी प्रभु आपने जीवन किया उद्धार, 
राम लखन के दरस को तरसे नैन हमार 
आप भगत हो राम के करो प्रभु उद्धार 
सुनकर बाते भगत की फिर बोले महावीर,
तुम चंदन देते निशि दिन आते हैं रघुवीर, 
इतना सुनकर आँख से बहने लगा फिर नीर,
तुलसीदास रोने लगे काहे ना मैं पहचाना रघुवीर 
अगले रोज सवेरे जब तिलक लेन आये रघुवीर 
हुनमान जी कहन लगे 
चित्रकूट घाट पर भयी संतन की भीर 
तुलसीदास चंदन घिसें तिलक लेत रघुवीर, 
इतना सुन गोसाँई ने जा पकरे रघुवर के पाँये
बहुत छकाये प्रभु आज तक अब छोड़ू पाँय,
दर्शन दो प्रभु मोहै आज लै धनुष बान भी साथ, 
मुस्काकर फिर प्रभु ने दर्शन दिये अपार, 
तुलसीदास कृत कृत हुऐ फिर किया मानस निर्माण।। ##footsteps
 कलयुग काल अमोघ है इससे बचा ना कोई,
रिश्ते सब जल गये, मानव बचा ना कोय,
मारुती इक देव हैं राम भक्त हनुमान।
एक संजीवनी शक्ति है बालाजी का नाम,
राम भजन के प्यासे हैं मेरे बालाजी महाराज।।
रिश्वत कोई चले नहीं बाबा के दरबार 
राम भजन की घूस ही लें बालाजी महाराज,
जय श्री राम।। 
कलयुग काल अमोघ है इससे बचा ना कोई,
रिश्ते सब जल गये, मानव बचा ना कोय,
मारुती इक देव हैं राम भक्त हनुमान।
एक संजीवनी शक्ति है बालाजी का नाम,
राम भजन के प्यासे हैं मेरे बालाजी महाराज।।
रिश्वत कोई चले नहीं बाबा के दरबार 
राम भजन की घूस ही लें बालाजी महाराज, 
राम नाम के भजन से कट जाऐगी पीर, 
जितना नाम जपोगे तुम दर्शन देंगे महावीर। 
एक बार की बात है चित्रकूट का घाट था,
रघुनन्दन के भक्त एक तुलसी जिनका नाम था, 
प्रभु मिलन की प्यास थी मन में भारी आस थी, 
राम कथा कहते निश दिन वो सुनते थे महावीर, 
एक रोज महावीर ने दे दर्शन किया कृतार्थ 
तुलसीदास जी धन्य हुए पा महावीर का साथ, 
बोले तुलसी प्रभु आपने जीवन किया उद्धार, 
राम लखन के दरस को तरसे नैन हमार 
आप भगत हो राम के करो प्रभु उद्धार 
सुनकर बाते भगत की फिर बोले महावीर,
तुम चंदन देते निशि दिन आते हैं रघुवीर, 
इतना सुनकर आँख से बहने लगा फिर नीर,
तुलसीदास रोने लगे काहे ना मैं पहचाना रघुवीर 
अगले रोज सवेरे जब तिलक लेन आये रघुवीर 
हुनमान जी कहन लगे 
चित्रकूट घाट पर भयी संतन की भीर 
तुलसीदास चंदन घिसें तिलक लेत रघुवीर, 
इतना सुन गोसाँई ने जा पकरे रघुवर के पाँये
बहुत छकाये प्रभु आज तक अब छोड़ू पाँय,
दर्शन दो प्रभु मोहै आज लै धनुष बान भी साथ, 
मुस्काकर फिर प्रभु ने दर्शन दिये अपार, 
तुलसीदास कृत कृत हुऐ फिर किया मानस निर्माण।। ##footsteps
 कलयुग काल अमोघ है इससे बचा ना कोई,
रिश्ते सब जल गये, मानव बचा ना कोय,
मारुती इक देव हैं राम भक्त हनुमान।
एक संजीवनी शक्ति है बालाजी का नाम,
राम भजन के प्यासे हैं मेरे बालाजी महाराज।।
रिश्वत कोई चले नहीं बाबा के दरबार 
राम भजन की घूस ही लें बालाजी महाराज,