लोगों को हँसकर ,काँटो पे चलते देखा है तूफानों में कश्ती को ,सम्हलते देखा है इससे ज्यादा क्या देखूँगा मैं दुनिया में मैंने प्यार को ,नफरत में बदलते देखा है dekha hai