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माँ... मुझे अच्छी लगती है, माँ की झिड़की, जब कभी

माँ... 

मुझे अच्छी लगती है, माँ की झिड़की,
जब कभी रोटी थोड़ी मोटी बन जाती है..
और वो सासू जैसे ताने देकर सुधारती हैं..

मुझे अच्छी लगती है माँ की डांट, 
जब गलतियों पर वो आँख दिखाती है.. 
और अपनी हर बात मनवाती हैं .. 

मुझे अच्छी लगता है उनकी नाराजगी ,
जब वॉटस्प फेसबुक चलाते देख गुस्सातीं हैं..
और खूब तीखे वचन सुनाती है..

मुझे अच्छी लगती है उनकी सलाहतें,
जो सही गलत की परख सिखाती है,
और माँ के रूप में वो गुरु बन जाती हैं..

मुझे अच्छी लगती है उनकी हर बात, 
क्यूंकि एक माँ ही है जो, 
निस्वार्थ प्रेम हम पर लुटाती है...

©sapna 'Chanchal' #nojotowriters
#daughterslove
#Chanchalpoetry 
#Maa❤ 

#MothersDay
माँ... 

मुझे अच्छी लगती है, माँ की झिड़की,
जब कभी रोटी थोड़ी मोटी बन जाती है..
और वो सासू जैसे ताने देकर सुधारती हैं..

मुझे अच्छी लगती है माँ की डांट, 
जब गलतियों पर वो आँख दिखाती है.. 
और अपनी हर बात मनवाती हैं .. 

मुझे अच्छी लगता है उनकी नाराजगी ,
जब वॉटस्प फेसबुक चलाते देख गुस्सातीं हैं..
और खूब तीखे वचन सुनाती है..

मुझे अच्छी लगती है उनकी सलाहतें,
जो सही गलत की परख सिखाती है,
और माँ के रूप में वो गुरु बन जाती हैं..

मुझे अच्छी लगती है उनकी हर बात, 
क्यूंकि एक माँ ही है जो, 
निस्वार्थ प्रेम हम पर लुटाती है...

©sapna 'Chanchal' #nojotowriters
#daughterslove
#Chanchalpoetry 
#Maa❤ 

#MothersDay