ओ कान्हा! तेरे मोर पंख में रंग हैं जितने, मोहे तू उतने रंग लगा दे न ग्वालिन संग तो तू रोज ही नाच नचावे, आज मोहे अपने संग नचा ले न राधाजी संग तो तू रोज ही मग्न पावे, आज तू "ललिता" को भी बुला ले न खुद पर तो मैं चाहूं बस तेरा ही रंग, आज खुद तू मोह रंग लगा दे न ओ कान्हा! दुनियां के तू सारे रंग छुड़ा के, मोह तू अपने ही रंग लगा दे न तेरे मोर पंख में रंग हैं जितने, मोहे उतने रंग लगा दे न, मोहे उतने रंग लगा दे न I wrote it in the favor of Lalita (one-sided lover of Krishna 😊❣️) Hello Resties! ❤️ #soulfulshunya #lalita Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍