तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतला के, पाते हैं जग से प्रशस्ति अपना करतब दिखला के। हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक, वीर खींच कर ही रहते हैं इतिहासों में लीक । ©bunny #रश्मिरथी stanza - 03