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जिंदिगी में इक बार हारा था मैं, कुछ ऐसा हुआ की लगा

जिंदिगी में इक बार हारा था मैं,
कुछ ऐसा हुआ की लगा,
किसी नदी का किनारा था मैं,
सब कहते थे मुझे की, तेरी क्या औक़ात हैं,
तब ऐसा लगा, की
किसी इत्तेफ़ाक़ का सहारा था मैं। #जिंदिगी
जिंदिगी में इक बार हारा था मैं,
कुछ ऐसा हुआ की लगा,
किसी नदी का किनारा था मैं,
सब कहते थे मुझे की, तेरी क्या औक़ात हैं,
तब ऐसा लगा, की
किसी इत्तेफ़ाक़ का सहारा था मैं। #जिंदिगी
karansingh2991

Karan Singh

New Creator