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“Kiss Day” रचना नंबर 7 अपने होठों से जो तेरे होठो

“Kiss Day”
रचना नंबर 7

अपने होठों से जो तेरे होठों को छुआ मैंने
हुआ मुझे एहसास कुछ इस तरह कि
जैसे रूह में रूह बस समा गई हो
मेरा प्यार एक अफसाना 
मेरा प्यार एक खज़ाना
लबों ने लबों को क्या छुआ 
मेरे दिल में कुछ हलचल सर हुआ
सिर्फ़ एक पानी ही नहीं प्यास बुझाने के लिए
आपकी नज़र से नज़र क्या मिली
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी
जुबां से हम कुछ ना कह सके
बस लबों से लबों की बात हो गई।
— % & #kkdrpanchhisingh1 
#कोराकाग़ज़ 
#जश्न_ए_इश्क़ 
#kkजश्न_ए_इश्क़ 
#विशेषप्रतियोगिता 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#kkvalentinesweek2022
“Kiss Day”
रचना नंबर 7

अपने होठों से जो तेरे होठों को छुआ मैंने
हुआ मुझे एहसास कुछ इस तरह कि
जैसे रूह में रूह बस समा गई हो
मेरा प्यार एक अफसाना 
मेरा प्यार एक खज़ाना
लबों ने लबों को क्या छुआ 
मेरे दिल में कुछ हलचल सर हुआ
सिर्फ़ एक पानी ही नहीं प्यास बुझाने के लिए
आपकी नज़र से नज़र क्या मिली
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी
जुबां से हम कुछ ना कह सके
बस लबों से लबों की बात हो गई।
— % & #kkdrpanchhisingh1 
#कोराकाग़ज़ 
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